अमृत सरोवर बना ग्राम प्रधानों के आय का श्रोत
अमृत सरोवर स्थल पर कार्ययोजना संबंधित नहीं लगा है शिलापट्ट
चौरीचौरा गोरखपुर जल संचय योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा जगह जगह अमृत सरोवर का निर्माण कराया जा रहा है। सरकार का मुख्य उद्देश्य अमृत सरोवर में जल संचय कर खेतों की सिंचाई करना है। किन्तु सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का ग्राम प्रधान तथा विभागीय कर्मचारियों तथा अधिकारियों द्वारा धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।अमृत सरोवर ग्राम प्रधानों के लिए आय का श्रोत साबित हो रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि प्रधान द्वारा अमृत सरोवर से लाखों रुपए की मिट्टी खनन माफियाओं को बेच दी जाती है
बताते चलें कि ऐसा ही एक अमृत सरोवर सरदार नगर ब्लाक के ग्राम सभा पोखरभिण्डा में बन रहा है। सबसे बड़ी विडम्बना यह है कि अमृत सरोवर स्थल पर ग्राम प्रधान अथवा संबंधित विभाग द्वारा कोई शिलापट्ट अथवा बोर्ड नहीं लगाया गया है। जिससे आम जनता को अमृत सरोवर के निर्माण संबंधित जानकारी मिल सके। जबकि किसी भी निर्माण के पहले प्रधान अथवा संबंधित विभाग द्वारा एक बोर्ड लगा दिया जाता है। जिससे यह लोगों को जानकारी मिलती है कि यह कार्य कब से शुरू हुआ है। कितना लागत से संबंधित कार्य संपादित होना है। क्योंकि संबंधित कार्य की संपूर्ण जानकारी बोर्ड पर से ही मिल जाती है। लेकिन बोर्ड ने लगाकर प्रधान अथवा संबंधित अधिकारी की मंशा लोगों को कार्य योजना की जानकारी न देना लग रहा है।बोर्ड न लगने के कारण कार्ययोजना से संबंधित जानकारी जेई इन्दजीत से ली गई।तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए बताया कि बिना फ़ाइल देखे कुछ बता नहीं सकता। ग्राम सचिव संजय सिंह से पूछने पर उनके द्वारा बताया गया कि साइन बोर्ड बनवाकर रखा गया है। अमृत सरोवर को देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अमृत सरोवर की खुदाई मशीन द्वारा करायी गई है ।