गोरखपुर में ई-रिक्शा पर RTO की सख्ती: नाबालिग और बिना लाइसेंस वालों पर शुरू हुई कार्रवाई
शहर में नियमों को ताक पर रखकर चल रहे ई-रिक्शा अब प्रशासन की नजर में आ गए हैं। आरटीओ विभाग ने ऐसे सभी ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ सख्त अभियान शुरू किया है, जो या तो नाबालिग हैं या बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चला रहे हैं।
इस कार्रवाई की अगुवाई प्रवर्तन अधिकारी संजय झा कर रहे हैं। अभियान की शुरुआत गोलघर के काली मंदिर क्षेत्र से हुई, जहां दर्जनों ई-रिक्शा की जांच की गई और नियम तोड़ने वालों पर मौके पर ही कड़ी कार्रवाई की गई।
10 अप्रैल तक था समय, अब नहीं होगी ढील
आरटीओ ने पहले ही सभी ई-रिक्शा मालिकों को 10 अप्रैल तक का समय दिया था ताकि वे अपने वाहन और दस्तावेजों को वैध करा सकें।
अब इस समयसीमा के खत्म होने के बाद विभाग ने चेकिंग तेज कर दी है।
संजय झा ने बताया: “हर ई-रिक्शा का यूनिक आईडी नंबर जरूरी है और चालक के पास वैध लाइसेंस होना चाहिए। अब नियमों की अनदेखी पर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।”
नाबालिग चालकों पर खास नजर
शहर में बड़ी संख्या में ऐसे किशोर ई-रिक्शा चला रहे हैं, जो न केवल खुद खतरे में हैं, बल्कि दूसरों की जान भी जोखिम में डाल रहे हैं। विभाग अब ऐसे मामलों में अभिभावकों को नोटिस भेजने की प्रक्रिया में जुट गया है।
- लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन ज़रूरी
- सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार:
- हर ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन और यूनिक ID नंबर अनिवार्य है।
- चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी है।
- नियमों की अनदेखी पर जुर्माना और वाहन जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।
शहरभर में बढ़ेगा अभियान
आरटीओ ने यह भी संकेत दिया है कि जल्द ही रेलवे स्टेशन, बस अड्डा और विश्वविद्यालय क्षेत्र जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी।
जनता से अपील
आरटीओ विभाग ने ई-रिक्शा मालिकों से अनुरोध किया है कि वे समय रहते अपने दस्तावेज पूरे कर लें, ताकि कार्रवाई से बचा जा सके और यातायात भी सुरक्षित रहे।